राजपुरोहित हुं राजपुरोहिताना चाहता हूं ,
फिर से सबको एक बनाना चाहता हूं।
राज आपना वापस आये या नाआये,
लेकिन अपनी इज्जत वापस लाना चाहता हूं|
ऐक बनो , नेक बनो .. ..
जुड गए तो सिंह (शेर) भी घबराएगा...
टुट गए तो गीदड भी सतायेग ₹₹
जय राजपुरोहिताना ॥
बन्ना प्रदीप सिंह राजपुरोहित चाडवास ( सेवड )
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